युवराज दत्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज दिनाँक 06.12.2024 को डा0 भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो0 हेमन्त पाल, चीफ प्राक्टर प्रो0 सुभाष चन्द्रा एवं समस्त शिक्षकों ने डा0 भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात डा0 भीमराव अम्बेडकर का राष्ट्र निमार्ण में योगदान विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में विषय प्रर्वतन करते हुए प्रोफेसर सुभाष चन्द्रा ने कहा कि डा0 अम्बेडकर का जीवन उन सभी लोगों के लिए प्रेरणापुंज है जो परिस्थितयों की विषमताओं को दोष न देकर जीवन में कुछ करने का संकल्प रखते है। डा0 भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान के माध्यम से स्वतंत्रता, समानता एवं भातृत्व की भावना को निम्न से निम्नतम व्यक्ति तक पहुँचाने का महती कार्य किया है। गोष्ठी में प्रो0 संजय कुमार ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि डा0 अम्बेडकर का विचार था कि व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है इसलिए मनुष्य को चाहिए कि वह अपने निजी व वर्गीयहितों को त्याग कर समाजहित में कार्य करें। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो0 हेमन्त पाल ने कहा कि डा0 अम्बेडकर ने तर्क एवं ज्ञान को विश्लेषित कर आधुनिक समाज की स्थापना का संदेश दिया। अपने जीवनकाल में डा0 अम्बेडकर ने सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्रों में समस्याओं पर गहन अध्ययन कर भारतीय समाज व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ किया। डा0 अम्बेडकर के चिन्तन का क्षेत्र बहुत व्यापक था। विद्य़ार्थी अधिक पुस्तकों का अध्ययन करें एवं उनके जीवन से प्रेरणा लें।विचारगोष्ठी का संयोजन एवं सफल संचालन प्रो० सुभाष चन्द्रा ने किया।कार्यक्रम में
महाविद्यालय के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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