दिल्ली दंगों के पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि ‘क्लेम कमीशन’ की सिफारिश के मुताबिक दिल्ली सरकार उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के पीड़ितों को सहायता राशि जारी करे।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, 20 याचिकाओं के समूह का यह मामला जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ के समक्ष सुना गया। इसमें याचिकाकर्ताओं ने ‘दंगा पीड़ितो की सहायता के लिए सहायता योजना’ के अनुसार मुआवजा माँगा गया था। कुछ याचिकाकर्ता इसमें बढ़ाकर मुआवजा देने की माँग भी कर रहे थे।
15 जनवरी को इन याचिकाओं के बाबत कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया गया कि उत्तर-पूर्वी दंगा दिल्ली आयोग ने बैच में से 14 याचिकाओं के संबंध में दावों के संबंध में सिफारिशें की हैं। अदालत को ये भी बताया गया कि उत्तर-पूर्वी दंगा दिल्ली आयोग द्वारा निर्धारित और अनुशंसित राशि याचिकाकर्ताओं के हक की राशि का एक अंश थी। फिर भी जल्द से जल्द अनुशंसित राशि जारी करने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किए जाने चाहिए।
कोर्ट में जब दिल्ली सरकार के वकील द्वारा इस माँग का विरोध नहीं किया गया तो अदालत ने इस संबंध में आदेश पारित किया। कोर्ट ने कहा कि प्रतिवादी नंबर 2 यानी दिल्ली सरकार को वर्तमान मामलों के समूह में याचिकाकर्ताओं के लिए उत्तर पूर्व दंगा दिल्ली आयोग द्वारा अनुशंसित राशि जारी करने का निर्देश दिया जाता है।” यह आदेश यह सुनिश्चित करता है कि मुआवजे की राशि याचिकाकर्ताओं के अधिकारों और तर्कों को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी।
इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी। इससे पहले, अदालत ने स्पष्ट किया था कि वह कोई नई योजना नहीं बनाएगी, बल्कि केवल यह देखेगी कि क्या दिल्ली सरकार ने पहले से बनाई गई योजना के अनुसार काम किया है या नहीं।
गौरतलब है कि दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में साल 2020 में हिंदू विरोधी दंगे हुए थे। इस दौरान 53 लोगों की मौत हुई थी। पुलिस की जाँच में सामने आया था कि ये दंगा पूर्व नियोजित था। दंगों को लेकर करीबन 750 एफआईआर दर्ज हुई थी और कई आरोपित गिरफ्तार हुए थे। ताहिर हुसैन उन्हीं आरोपितों में से एक है।
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