*भारत ने इंडोनेशिया के साथ एक बड़ी डील की है जिसके तहत भारत ने लगभग 3,800 करोड़ रुपये की ब्रह्मोस मिसाइलों के निर्यात का समझौता इंडोनेशिया के साथ किया है।*
* देश ने 2023-24 में रक्षा उत्पादन में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। यह पिछले वित्तीय वर्ष से 16.8% ज्यादा है।
* 2023-24 में 1,26,887 करोड़ रुपए का रक्षा उत्पादन हुआ, जो इससे पहले 1,08,684 करोड़ रुपए था।
* सरकार ‘मेक इन इंडिया’ के देश को एक अग्रणी वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित कर रही है।
* वित्त वर्ष 2022-23 में हमारा डिफेंस प्रोड्कशन 1.09 लाख करोड़ रुपए था। 2022-23 में पहली बार प्रोडक्शन 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा था।
* देश के डिफेंस इकोसिस्टम ने वित्त वर्ष 2028-29 तक केंद्र के 3 लाख करोड़ रुपए के सालाना प्रोडक्शन लक्ष्य की 40% से ज्यादा दूरी तय कर ली।
*भारत और इंडोनेशिया के बीच 450 मिलियन डॉलर की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल डील फाइनल होने के करीब है.*
■ यह प्रस्तावित डील इंडोनेशिया को ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला दूसरा ASEAN देश बनाएगी. इससे पहले फिलीपींस ने ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम खरीदा था.
■ भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस मिसाइल सफलतापूर्वक वितरित की है, जिसने कुछ साल पहले 335 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक का आॅर्डर दिया था। मिसाइलों की डिलीवरी पहले ही शुरू हो चुकी है और जल्द ही और मिसाइलों की डिलीवरी होने की उम्मीद जताई गई है।
■ ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है और यह भारत की सशस्त्र सेनाओं की रीढ़ बन चुकी है. यह सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोवो सुबियांतो के बीच हुई बैठक का अहम मुद्दा रहा.
■ प्राबोवो सुबियांतो ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. दोनों नेताओं ने भारत-इंडोनेशिया के रक्षा और सुरक्षा साझेदारी पर चर्चा की.
■ इंडोनेशियाई डेलीगेशन ने भारतीय शिपयार्ड से इंडोनेशिया की नेवी और कोस्ट गार्ड के लिए युद्धपोत बनाने की संभावनाओं को भी खंगाला.
■ ब्रह्मोस मिसाइल, भारत और रूस के सहयोग से विकसित, अपनी तेज Mach 3 गति और सटीकता के लिए जानी जाती है. इसकी विशेषताएं इसे दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों में से एक बनाती हैं.
*भारतीय नौसेना इसका उपयोग जहाज-आधारित और जमीन से छोड़े जाने वाले दोनों वर्जन में करती है. इस डील के साथ भारत और इंडोनेशिया के रक्षा सहयोग को एक नई दिशा मिलेगी. साथ ही, यह डील भारत को एक क्षेत्रीय रक्षा निर्यात के रूप में स्थापित करने की ओर एक बड़ा कदम है.🔰
0 Comments