नाटो महासचिव मार्क रुट (Mark Rutte) ने गुरुवार को चेतावनी दी कि अगर रूस ने यूक्रेन पर जीत हासिल कर ली, तो नाटो की लुटिया डूब जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस की जीत विश्व के सबसे बड़े सैन्य संगठन नाटो की साख को कमजोर कर देगी और इसे बहाल करने में खरबों डॉलर का खर्च आएगा। यही वजह है कि नाटो ने रूस, बेलारूस और यूक्रेन से सटे अपने पूर्वी क्षेत्र में ताकत बढ़ा दी है। इन इलाकों में नाटो ने हजारों सैनिकों और उपकरणों की तैनाती की है ताकि रूस को संगठन के 32 सदस्य देशों की सीमा में युद्ध शुरू करने से रोका जा सके। नाटो प्रमुख का ये बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से युद्ध रोकने की अपील करते हुए डील करने का ऑफर दिया है।
मार्क रुट ने दावोस (स्विट्जरलैंड) में विश्व आर्थिक मंच (WEF) के दौरान कहा, "अगर यूक्रेन हार जाता है, तो नाटो के बाकी हिस्सों की रक्षा करने और अपनी साख को फिर से स्थापित करने में बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह वर्तमान समय में खर्च किए जा रहे अरबों डॉलर से कहीं अधिक होगा। यह खरबों डॉलर में होगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन को समर्थन देने में किसी भी प्रकार की कमी नहीं की जानी चाहिए। रुट ने कहा, "पश्चिमी देशों को अपना समर्थन बढ़ाना होगा और इसे कम करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। हमें युद्ध की दिशा को बदलना होगा।" रुट ने जोर देते हुए कहा, "हम 21वीं सदी में यह स्वीकार नहीं कर सकते कि कोई देश दूसरे देश पर हमला करे और उसे गुलाम बनाने का प्रयास करे। वह समय बीत चुका है।"
अमेरिका और यूरोप में बढ़ रही चिंताएं
यूरोप में इस बात की चिंता बढ़ रही है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता कर युद्ध को जल्द समाप्त करने का प्रयास न करें, जो यूक्रेन के लिए नुकसानदेह हो सकता है। रुट ने इस संदर्भ में कहा, "अगर कोई बुरा समझौता होता है, तो इसका मतलब होगा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन उत्तर कोरिया, ईरान और चीन के नेताओं के साथ जीत का जश्न मनाएंगे, और यह भू-राजनीतिक रूप से एक बहुत बड़ी गलती होगी।"
पोलैंड का बयान
पोलैंड के विदेश मंत्री राडेक सिकोर्की ने ट्रंप के इस बयान का स्वागत किया कि रूस को ही पहले शांति के कदम उठाने चाहिए। हालांकि उन्होंने चेतावनी दी कि "यह वह पुतिन नहीं है, जिसे ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में जानते थे।"
बुधवार को, ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि अगर युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता नहीं होता, तो वह रूस पर भारी कर, टैरिफ और प्रतिबंध लगाएंगे। लेकिन क्रेमलिन पर इन चेतावनियों का शायद ही कोई असर पड़े क्योंकि रूस की अर्थव्यवस्था पहले से ही अमेरिका और यूरोप के कई प्रतिबंधों के बोझ तले दबी हुई है।
सिकोर्की ने कहा, "व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के मुद्दे पर विश्व मंच के केंद्र में नहीं लाना चाहिए। वह एक बहिष्कृत और यूक्रेनी बच्चों को खत्म करने के आरोप में वॉर क्रिमिनल हैं।" उन्होंने सुझाव दिया, "पुतिन को यह मंच तभी मिलना चाहिए जब वह इसे कमाएं। अगर उन्हें यह जल्दी मिल जाता है, तो यह उनकी स्थिति को महत्वहीन से अधिक महत्वपूर्ण बना देगा और उन्हें गलत संकेत देगा।"
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