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कांग्रेस ने 1991 के पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

कांग्रेस ने 1991 के पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं का विरोध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस ने इस कानून की संवैधानिक वैधता के खिलाफ भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है और कहा है कि देश की धर्मनिरपेक्षता के लिए यह कानून जरूरी है।

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट 1991 के पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली आधा दर्जन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। हिंदू संगठनों ने अपनी याचिका में 1991 के अधिनियम की धारा तीन और चार की वैधता को विभिन्न आधार पर चुनौती दी है। अधिनियम की धारा तीन पूजा स्थलों के स्वरूप बदलने पर रोक लगाती है, जबकि धारा चार अदालतों को ऐसे स्थानों के धार्मिक स्वरूप के बारे में विवादों पर विचार करने से रोकती है। याचिका में आरोप लगाया गया कि ये प्रावधान "बर्बर आक्रमणकारियों" द्वारा स्थापित उपासना स्थलों को वैध बनाते हैं, जबकि हिंदुओं, जैनियों, बौद्धों और सिखों के अपने पवित्र स्थलों को पुनः प्राप्त करने और पुनर्स्थापित करने के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।


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