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रायपुर में 2000+ कामगारों की पहचान का सत्यापन, 150 नहीं दे पाए दस्तावेज


छत्तीसगढ़ पुलिस ने ‘ऑपरेशन समाधान’ के तहत राजधानी रायपुर में दूसरे राज्यों से आए 2 हजार से अधिक कामगारों की पहचान का सत्यापन किया। इनमें से 150 से अधिक संदिग्ध पाए गए हैं। इनके बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम होने की आशंका है। ये पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश बॉर्डर के हैं। ये सभी अपनी वास्तविक पहचान के दस्तावेज पेश नहीं कर पाए।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने यह कार्रवाई रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का पता लगाने के लिए की है। जिन लोगों के दस्तावेज नहीं मिले हैं, उनके मोबाइल नंबर की तकनीकी जाँच करके कम से कम पिछले तीन महीने के की जानकारी जुटाई जा रही है। ये सभी खमतराई, टिकरापारा और उरला थाना क्षेत्र में रह रहे थे और ऑटो चलाने तथा मजदूरी आदि का काम कर रहे थे।
दूसरे राज्यों से आए इन लोगों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वे एक-दो साल पहले ही काम की तलाश में रायपुर आए हैं। हालाँकि, ये सभी यहाँ कब से हैं इसकी सही जानकारी पुलिस को भी नहीं है। पुलिस ने एक-एक करके पुलिस इसकी जाँच कर रही है और वास्तविकता का पता लगाने की कोशिश की कर रही है।
दरअसल, रायपुर के अलग-अलग क्षेत्रों से कुल 2,013 बाहरी श्रमिकों को उठाकर पुलिस लाइन लेकर आई थी। वहाँ पर एसएसपी डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह की मौजूदगी में सभी से एक-एक करके पूछताछ की गई। इन सबसे रायपुर आने का मकसद पूछा गया। इसके अलावा, सभी मजदूरोें से एक वेरीफिकेशन फॉ़र्म भी भरवाया गया।
इन सभी लोगों की पूरी जानकारी उनके संबंधित पुलिस थाने में भेजी जाएगी और वहाँ से उनके आपराधिक डिटेल माँगी जाएगी। जो आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होगा, उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। इस दौरान संदिग्ध गतिविधियों को लेकर 224 लोगों के खिलाफ धारा 151 जैसी प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में जल्द ही नगरीय निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर प्रशासन सतर्क है, ताकि भी बाहरी एवं संदिग्ध व्यक्ति इसमें अवैध हस्तक्षेप ना कर पाए। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के विभिन्न इलाकों में बाहर से आए लोगों की जाँच कर रही है।


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