*अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार पनामा को धमकी दे रहे हैं. उनकी इस धमकी का असर होता दिख रहा है.*
* पनामा ने चीन के साथ 2017 का समझौता रद्द किया
* ट्रंप की धमकी के बाद पनामा ने यह कदम उठाया
* पनामा नहर पर अमेरिकी नियंत्रण की मांग की गई
*राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो की सरकार ने कहा है कि पनामा चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में शामिल होने के 2017 के समझौते को नवीनीकृत नहीं करेगा.*
■ पनामा का यह निर्णय तब आया है जब मुलिनो और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्क रूबियो के बीच मीटिंग हुई.
■ रूबियो ने पनामा को चेतावनी देते हुए कहा कि पनामा नहर पर चीन का प्रभाव या तो कम करें या अमेरिका से संभावित प्रतिशोध का सामना करें.
■ डोनाल्ड ट्रंप लगातार वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण पनामा नहर पर कंट्रोल को लेकर धमकी देते रहे हैं.
■ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार (स्थानीय समय) को पनामा नहर को वापस लेने की धमकी दोहराई, यह कहते हुए कि समझौते का उल्लंघन हुआ है और क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव है.
■ ट्रंप ने कहा कि नहर को पनामा को ‘मूर्खतापूर्वक’ दिया गया था और कहा कि अगर इसे अमेरिका को नहीं सौंपा गया तो ‘कुछ बहुत शक्तिशाली’ होने वाला है.
■ ट्रंप ने कहा, ‘उन्होंने (पनामा) जो किया है वह भयानक है. उन्होंने समझौते का उल्लंघन किया है. चीन पनामा नहर चला रहा है. इसे पनामा को दिया गया था, न कि चीन को. लेकिन उन्होंने समझौते का उल्लंघन किया है. हम या तो इसे वापस लेंगे या फिर कुछ बहुत बहुत शक्तिशाली होने वाला है.’
■ 1977 की संधि के तहत, अमेरिका ने नहर को पनामा के नियंत्रण में वापस कर दिया था, इस समझ के साथ कि जलमार्ग तटस्थ रहेगा. समझौते के अनुसार, यदि नहर के संचालन को आंतरिक संघर्ष या किसी विदेशी शक्ति की ओर से बाधित किया गया तो अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप कर सकता था. आज, नहर से पहले से कहीं अधिक माल गुजरता है.
*20 जनवरी को पदभार ग्रहण करने से पहले ही, ट्रंप ने बार-बार नहर पर अमेरिकी नियंत्रण फिर से लागू करने की धमकी दी है, और पनामा पर 1999 में रणनीतिक जलमार्ग के अंतिम हस्तांतरण के लिए किए गए वादों को तोड़ने और इसके संचालन को चीन को सौंपने का आरोप लगाया है.🔰*
0 Comments