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संसद में तो थोड़ा सीरियस हो जाइए, चीन-अमेरिका पर राहुल ने क्या कह दिया कि भड़क गए मं...


 राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि
अगर PM ने नारों पर ध्यान देने के बजाय उत्पादन पर ध्यान दिया होता तो उन्हें अपने विदेश मंत्री को तीन-तीन बार अमेरिका नहीं भेजना पड़ता कि उन्हें...



संसद के बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मेक इन इंडिया अभियान के बावजूद हम बेरोजगारी की समस्या को सुलझा नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा, "न तो यूपीए सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई मार्ग दिखा पाई और ना ही मौजूदा सरकार कुछ कर पाई। मेरी इस बात से प्रधानमंत्री भी सहमत होंगे।" राहुल ने कहा कि देश में मैन्यूफैक्चरिंग 60 साल के निचले स्तर पर चला गया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की 'मेक इन इंडिया' योजना अच्छी है लेकिन वह इसे लागू करने में फेल रहे। नेता विपक्ष ने कहा कि हमारे बिना अमेरिका में उत्पादन असंभव है। उन्होंने कहा कि उत्पादन पर अमेरिका-भारत साथ काम करे। इसके साथ ही राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अगर प्रधानमंत्री ने नारों पर ध्यान देने के बजाय उत्पादन पर ध्यान दिया होता तो उन्हें अपने विदेश मंत्री को तीन-तीन बार अमेरिका नहीं भेजना पड़ता कि उन्हें अमेरिका आने का न्यौता मिल सके।

राहुल गांधी ने आरोप गाया कि विदेश मंत्री जयशंकर को तीन बार अमेरिका भेजा गया ताकि प्रधानमंत्री को वहां आने का न्योता मिल सके। राहुल की इस बात पर सत्ता पक्ष भड़क गया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि इस तरह की बयानबाजी नहीं चलेगी। उन्होंने सदन से मांग की कि उनकी बातों को हटाया जाय। इसी बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा," आप जो बोल रहे हैं, उसके तथ्यों को सदन के पटल पर रखना होगा।"


किरेन रिजिजू ने राहुल की बात पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्ष के नेता को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में गंभीर विषय पर चर्चा चल रही है। औसे में नेता विपक्ष को परिपत्वता दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संसद में ठोस जानकारी सामने रखनी चाहिए। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि जयशंकर को तीन बार अमेरिका भेजा गया। अगर इस सवाल से आपलोग

विचलित हुए हैं तो माफी चाहता हूं।

इसके अलावा राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी सेना की बात झुठलाते हैं। उन्होंने चीन द्वारा भारतीय भू-भाग पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम ने इसे खारिज किया लेकिन सेना ने कहा कि 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर चीन का कब्जा है। राहुल की इस बात पर भी सत्ता पक्ष के सांसदों और मंत्रियों ने आपत्ति जताई और कहा कि ये गंभीर विषय है। आप ऐसा मत बोलिए, ये देश के लिए ठीक नहीं है। किरेम रिजिजू ने कहा कि कम से कम सदन में नेता विपक्ष को सीरियस होना चाहिए। इसी बीच, स्पीकर ओम बिपला ने दोबारा राहुल गांधी से अपनी बातों के पक्ष में तथ्य सदन पटल पर रखने के लिए कहा।
राहुल गाँधी ने संसद में बोला झूठ? विदेश मंत्री S जयशंकर ने किया पलटवार, बोले – दुनिया भर में -भारत को पहुँचाते हैं नुकसान

सोमवार को बजट सत्र के तीसरे दिन की शुरुआत एक बार फिर हंगामे के साथ हुई। जहां एक ओर महाकुंभ भगदड़ को लेकर विपक्ष ने शोर मचाने की कोशिश की, वहीं नेता विपक्ष राहुल गांधी ने फिर से कुछ ऐसे बयान दिए, जिनसे न केवल राजनीतिक माहौल गरमाया, बल्कि देश की छवि विदेशों में भी प्रभावित हो सकती है। विदेश मंत्री Dr. S.

Jaishankar ने राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान भले ही राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हों, लेकिन इससे विदेशों में भारत की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचता है।"

क्या बोल गए राहुल गाँधी

सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने एक और बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर भारत में मजबूत मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम होता, तो विदेश मंत्री को बार-बार अमेरिका जाने की जरूरत नहीं पड़ती, ताकि वह प्रधानमंत्री की ताजपोशी के लिए अनुरोध कर सकें। उनका यह भी कहना था कि विदेश मंत्री को इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती, कि उन्हें अमेरिका जाकर कहने की आवश्यकता हो -“कृपया हमारे प्रधानमंत्री को बुलाइए।"

राहुल गांधी के इस बयान पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल गांधी के दावे को गलत और झूठा बताते हुए कहा कि उनकी अमेरिका यात्रा का उद्देश्य कुछ और था, जिसे जानबूझकर गलत तरीके से पेश किया गया। जयशंकर ने यह भी साफ किया कि राहुल गांधी के बयान ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया और इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।

विदेश मंत्री का पलटवार

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि राहुल गांधी ने जानबूझकर विदेश में भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की है।

अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में जयशंकर ने लिखा, "राहुल गांधी ने दिसंबर 2024 में मेरी अमेरिका यात्रा के बारे में गलत जानकारी दी। मैं बाइडन प्रशासन के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट और एनएसए से मुलाकात करने गया था, और साथ ही हमारे महावाणिज्य दूत की एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता भी की। मेरे दौरे के दौरान नए नामित एनएसए ने मुझसे मुलाकात की।”

उन्होंने आगे कहा, "किसी भी स्तर पर प्रधानमंत्री के संबंध में निमंत्रण पर चर्चा नहीं की गई। यह सामान्य ज्ञान है कि हमारे प्रधानमंत्री ऐसे कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते हैं। वास्तव में, भारत का प्रतिनिधित्व आमतौर पर विशेष दूतों द्वारा किया जाता है। राहुल गांधी के झूठ राजनीतिक दृष्टिकोण से हो सकते हैं, लेकिन ये विदेशों में देश को नुकसान पहुँचाते हैं।"


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