लोकसभा में सोमवार को जबरदस्त सियासी घमासान देखने को मिला। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ी, जिसका केंद्र कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बने। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर जोरदार पलटवार करते हुए सवाल दागा कि क्या वह अंधे हैं? रिजिजू ने राहुल गांधी के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने एससी, एसटी और ओबीसी के मुद्दे उठाए थे।
रिजिजू ने कहा, "राहुल गांधी बीते 2-3 सालों से इन वर्गों की बात कर रहे हैं, लेकिन क्या उन्हें देश के प्रधानमंत्री नहीं दिखते? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े ओबीसी चेहरे हैं और दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। क्या राहुल गांधी को यह नहीं दिखता? क्या वह अंधे हैं?" उन्होंने आगे कहा कि वह खुद एक अनुसूचित जनजाति से आते हैं और देश के संसदीय कार्य मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी एक दलित हैं।
रिजिजू ने सवाल उठाते हुए कहा, "क्या कांग्रेस ने कभी किसी आदिवासी या दलित को देश का कानून मंत्री बनाया? क्या कांग्रेस ने कभी किसी ओबीसी को प्रधानमंत्री बनाया?" रिजिजू ने तंज कसते हुए कहा, "मुझे लगता है कि राहुल गांधी को खुद नहीं पता कि वह क्या बोलते हैं!
राहुल गांधी के बयान पर क्यों भड़के रिजिजू?
दरअसल बजट चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना की मांग उठाई और देश की बड़ी कंपनियों में दलित-ओबीसी मालिकों की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "देश की 50% आबादी एससी, एसटी और ओबीसी की है, लेकिन उनके पास कोई शक्ति नहीं है, क्योंकि वे अपनी आवाज़ नहीं उठा सकते। बीजेपी में ओबीसी, दलित और आदिवासी सांसद तो हैं, लेकिन वे बोल नहीं सकते।"
राहुल गांधी का इतना कहना था कि किरन रिजिजू भड़क उठे। उन्होंने कहा, "आपको देश के प्रधानमंत्री का चेहरा नहीं दिखता? नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े ओबीसी नेता हैं और दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं।""
महाराष्ट्र का मामला भी उछला
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में अचानक 70 लाख नए वोट जुड़ने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, "पांच महीने में इतने नए मतदाता जुड़ गए, जितने पांच साल में भी नहीं जुड़े थे। हमने एक इमारत में 7000 वोट जुड़ते देखे हैं। चुनाव आयोग से कई बार मतदाता सूची मांगी, लेकिन अब तक जवाब नहीं मिला। दिलचस्प बात यह है कि नए वोटर ज्यादातर उन्हीं सीटों पर जुड़े, जहां बीजेपी ने जीत दर्ज की है।"
इससे पहले, विपक्षी दलों ने प्रयागराज कुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर भी हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कई बार सदन को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन विपक्षी सांसदों के नारेबाजी जारी रही। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सांसदों से अपील की कि वे प्रश्नकाल बाधित न करें और अपनी बात राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान रखें। लेकिन विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा रहा और सदन का माहौल गरमा गया।
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