ताजा समाचार

20/recent/ticker-posts

डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद से ही सरकारी खर्च में कटौती करने में जुटे

USAID
 डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद से ही सरकारी खर्च में कटौती करने में जुटे हैं। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने दिग्गज उद्योगपति एलन मस्क को दे रखी है। 
* एलन मस्क सरकारी दक्षता विभाग के मुखिया हैं। वे न केवल कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं बल्कि तमाम फिजूलखर्ची पर लगाम लगाने में जुटे हैं।
* एलन मस्क के निशाने पर सबसे पहले यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) यानी यूएसएड आया है। 
* इसके तहत दुनियाभर के देशों को मिल रही फंडिंग पर मस्क लगातार कैंची चलाने में जुटे हैं।
* ऐसे में आइए समझते हैं कि यूएसएड क्या है... इसका गठन कब और किसने किया, इसका उद्देश्य क्या है और मौजूदा ट्रंप प्रशासन इसे क्यों बंद करना चाहता है भारत में यूएसएड की चर्चा क्यों हैं?
* यूएसएड अमेरिकी सरकार की विदेशी सहायता एजेंसी है। इसके माध्यम से अमेरिका दुनियाभर में विभिन्न कार्यक्रमों को आर्थिक मदद पहुंचाता है। 
* यूएसएड के माध्यम से अपना एजेंडा चलाने का आरोप भी अमेरिका पर लगता है। 
* दुनियाभर के 60 से अधिक देशों में यूएसएड के कार्यालय हैं। 
* कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के मुताबिक इस एजेंसी में लगभग 10 हजार लोग काम करते थे। इनमें से दो तिहाई कर्मचारियों की तैनाती विदेशों में है।
* यूएसएड जमीन पर सीधे काम नहीं करता है। वह कई दूसरे संगठनों से समझौता करता है। उनके माध्यम से विभिन्न, सामाजिक आर्थिक, राजनीतिक और स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों की फंडिंग की जाती है। 
* दावा है कि यूएसएड अपना सबसे अधिक धन स्वास्थ्य कार्यक्रमों में खर्च करता है।

* यूएसएड का सलाना बजट 40 बिलियन डॉलर का है। मगर अमेरिका की यह एजेंसी देश के बाहर विभिन्न देशों में 2023 में 68 बिलियन डॉलर की धनराशि खर्च की है। 
* अमेरिकी राष्ट्रपित जॉन एफ कैनेडी ने 1961 में यूएसएड की स्थापना की थी। 
* इसकी स्थापना कांग्रेस के विदेशी सहायता अधिनियम के तहत की गई थी। 
* 1998 में इसे कार्यकारी एजेंसी का दर्जा दिया गया। 
* इस एजेंसी को पूरी तरह से बंद या विलय करने के लिए ट्रंप को अमेरिकी कांग्रेस में एक कानून बनाना होगा।
* डोनाल्ड ट्रंप का एक स्पष्ट नजारिया है। उनका मानना है कि अमेरिकी करदाताओं का पैसा विदेशी लोगों पर क्यों खर्च किया जाए? अगर खर्च करना ही है तो इसे अमेरिका में अपने लोगों पर किया जाए। 

* वह कई बार खुलकर यूएसएड को बंद करने की बात कह चुके हैं। उनका कहना है कि यूएसएड करदाताओं के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं है।
* अमेरिका के दक्षता विभाग ने हाल ही में भारत की 21 मिलियन डॉलर की मदद रोक दी है। यह धन यूएसएड भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने में खर्च करता था। मगर यह स्पष्ट नहीं है कि इतनी बढ़ी धनराशि किसे दी गई? 
* दक्षता विभाग के खुलासे से यह तो साफ हो गया है कि अमेरिका धनबल से भारत की स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया में दखल देता रहा है। भाजपा ने इसे चुनाव प्रक्रिया में बाहरी दखल कहा है।🔰


Post a Comment

0 Comments