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प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को सीएमओ ने किया सम्मानित


लखीमपुर खीरी। राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में सोमवार को “मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संतोष गुप्ता तथा मुख्य वक्ता के रूप में मनोचिकित्सक डॉ. अखिलेश शुक्ला उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ शालिनी दुबे द्वारा की गई।

सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता ने छात्राओं से मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, मानसिक अस्वस्थता की पहचान और उसकी देखभाल जैसे विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य जीवन की गुणवत्ता और शिक्षा दोनों को प्रभावित करता है, इसलिए विद्यार्थियों को अपने मन और विचारों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा के समय अधिक तनाव आपके लिए लाभदायक नहीं है। अच्छी नींद ले और बिना तनाव के पढ़ाई करें।

मुख्य वक्ता डॉ. अखिलेश शुक्ला ने मानसिक रोगों से बचाव के उपायों और उनके शुरुआती लक्षणों के बारे में छात्राओं को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तनाव, चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं की समय रहते पहचान और सही मार्गदर्शन से बड़ा परिवर्तन संभव है।

इस अवसर पर एपिडेमियोलॉजी एनसीडी डॉ. राकेश गुप्ता, नैदानिक मनोवैज्ञानिक श्रुति कक्कड़, काउंसलर देव नंदन श्रीवास्तव और स्टाफ नर्स विवेक मित्तल भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. शालिनी दुबे ने की, जबकि सफल संचालन शिक्षिका शैलजा मिश्रा ने किया।

कार्यशाला के अंत में मानसिक स्वास्थ्य विषय पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्राओं को सम्मानित किया गया।

पोस्टर प्रतियोगिता में खुशी सागर, शिवांगी रस्तोगी और अंशिका वर्मा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। निर्णायक रहीं शिक्षिकाएँ शशिप्रभा तिवारी, अर्चिता पांडेय और पूनम शर्मा।

स्लोगन प्रतियोगिता में संगम देवी, महिमा चौरसिया और कोमल राना क्रमशः विजेता रहीं। निर्णायक रहीं शैलजा मिश्रा, सोनी और अंजना दीक्षित।

निबंध प्रतियोगिता में राधा देवी, सुमन देवी और लक्ष्मी वर्मा ने स्थान प्राप्त किया। निर्णायक रहीं रंजना वर्मा, अनीता राना और मुद्रिका मिश्रा।

विजेता छात्राओं को सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता एवं प्रधानाचार्य डॉ. शालिनी दुबे द्वारा सील्ड व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और जीवन में संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देना रहा।

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