लखीमपुर खीरी।
मलेरिया मच्छर के काटने से होने वाली गंभीर बीमारी है, जिसमें मरीज को तेज बुखार के साथ ठंड लगना आम लक्षण होता है। उत्तर प्रदेश शासन ने वर्ष 2030 तक राज्य को मलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी क्रम में जिले में मलेरिया नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संतोष गुप्ता के निर्देश पर आशा, आशा संगिनी, एएनएम तथा बीएचडब्ल्यू का संवर्द्धन सभी ब्लॉकों में रोस्टर के अनुसार किया जा रहा है। कार्यशाला के दौरान जिला मलेरिया अधिकारी, मलेरिया एवं फाइलेरिया निरीक्षक तथा ब्लॉक स्तर पर एआरओ और बीसीपीएम द्वारा मलेरिया के लक्षण, बचाव व उपचार संबंधी प्रशिक्षण आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता को दिया जा रहा है।
इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात प्रयोगशाला तकनीशियनों और सहायकों द्वारा मलेरिया परीक्षण हेतु आरडीटी किट के उपयोग और रक्त पतिका संकलन की प्रक्रिया सिखाई जा रही है। आशा वर्कर्स को भी प्रशिक्षित कर प्रत्येक आशा कार्यकर्ता को 10 आरडीटी किट वितरित की जा रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य गांव एवं समुदाय स्तर पर मलेरिया की रोकथाम, त्वरित पहचान और समय पर उपचार सुनिश्चित करना है। भविष्य में स्वास्थ्य कर्मियों को और अधिक प्रशिक्षित कर मलेरिया उन्मूलन की दिशा में अभियान को और सशक्त किया जाएगा।
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