उन्होंने महाभियोग का नोटिस दिए जाने पर विपक्ष की आलोचना की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि विरासत के बिना विकास संभव नहीं है। पर, भारत की विरासत की चर्चा करने वाले व्यक्तियों को कुछ लोग धौंस-धमकी दे रहे हैं। इन्हीं लोगों ने कुम्भ की आध्यात्मिक व सामाजिक विरासत को भगदड़ व अराजकता का पर्याय बना दिया था।
*उन्होंने न्यायमूर्ति शेखर यादव का नाम लिए बगैर कहा कि एक न्यायमूर्ति ने सच कहा तो उन्हें कठघरे में खड़ा किया गया। सच बोलने वालों को धमकाया जा रहा है।*
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