19 फरवरी 2025 को शिवाजी जयन्ती के अवसर पर होगा नये कार्यालय का लोकार्पण।
नई दिल्ली में RSS का नया केशव कुंज कार्यालय बन कर तैयार है। कार्यकर्ताओं द्वारा दान में दिये 150 करोड़ रुपये से इस संघ कार्यालय को बनाया गया है।
अत्याधुनिक संघ कार्यालय में सादगी का पुट भी देखने को मिलेगा तो साथ में गुजरात और राजस्थानी पुट के साथ साथ भारतीय संस्कृति का मिश्रण भी नजर आएगा।
इस नये केशव कुंज कार्यालय में 19 फ़रवरी को शिवाजी जयंती पर सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत जी और सर कार्यवाह मा. दत्तात्रेय होसबाले जी की उपस्थिति में प्रवेशोत्सव मनाया जायेगा।
17000 गज में बने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का दिल्ली में कार्यालय झंडेवालान में 1939 में शुरू हुआ था। 1962 और 1980 में समय के साथ-साथ इस संघ कार्यालय में निर्माण कार्य हुए। इस कार्यालय का नाम संघ के संस्थापक और प्रथम सरसंघचालक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार के नाम पर “केशव कुंज” रखा गया था। समय के साथ साथ संघ कार्य का विस्तार हुआ जिसके चलते केशव कुंज कार्यालय के अत्याधुनिकता की आवश्यकता महसूस होने लगी। इसी कारण से इस पूरे परिसर को नये सिरे से बनाने की योजना पर मुहर लगाई गई और सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने 2016 में नये “केशव कुंज” के लिए भूमि पूजन किया।
75000 स्वयंसेवकों और दानदाताओं से प्राप्त हुए 150 करोड़ रुपये से बन कर तैयार हुए इस नये कार्यालय के आर्किटेक्ट के तौर पर गुजरात के अनूप दुबे को चुना गया।
करीब 4 एकड़ में बने कार्यालय में करीब 5 लाख स्क्वायर फ़ीट में निर्माण कार्य के तहत 3 टॉवरों का निर्माण कार्य किया गया है। इन टॉवरों का नाम क्रमश: साधना, प्रेरणा और अर्चना रखा गया है।
सुरक्षा व्यवस्थाओं को ध्यान में रखते हुए और भविष्य की ज़रूरतों के मद्देनज़र इस कार्यालय का निर्माण किया गया है। इस कार्यालय को इस तरीके से बनाया गया कि भारतीय स्थापत्य संस्कृति को समेटे हुए ये संघ कार्यालय सादगी का प्रतिबिंब नज़र आये।
करीब 300 कमरों वाले इस कार्यालय का शुभारंभ विधिवत पूजा अर्चना करके 2024 में सरकार्यवाह मा. दत्तात्रेय होसबाले जी ने किया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इस संघ कार्यालय में 3 बड़े हॉल बनाये गये हैं। पहले बड़े हॉल का नाम अशोक सिंघल सभागार रखा गया है। इसमें 463 प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
बाकी के 2 हॉल में क्रमश: 650 और 250 प्रतिनिधी एक साथ सहभागिता कर सकते हैं। इसमें एक साथ 270 वाहनों को पार्क करने वाली पार्किंग भी बनाई गई है।
वेस्टेज का अंदर ही ट्रीटमेंट होगा
पर्यावरण की दृष्टि से लकड़ी की खपत कम करने की दृष्टि से दरवाज़ों और खिड़कियों के फ़्रेम ग्रेनाइट के बनाये गये हैं। पूरे कार्यालय में करीब 1000 ऐसे फ़्रेम बनाये गये हैं। इसके अलावा एसटीपी का प्रयोग भी इस कार्यालय में किया जा रहा है जिससे वेस्ट बाहर नहीं फेंका जायेगा, अंदर कार्यालय में ही उसका ट्रीटमेंट किया जायेगा। इसके साथ साथ कार्यालय में 140 केबी का सोलर भी लगाया गया है।
लाइब्रेरी में 8 हजार किताबें
केशव कुंज में 8वें फ्लोर पर सुव्यवस्थित और अत्याधुनिक लाइब्रेरी का भी निर्माण किया गया है। इस लाइब्रेरी में अभी करीब 8 हजार पुस्तकें हैं। और खास बात ये है कि इस लाइब्रेरी में भारत के संविधान के साथ साथ हिंदुत्व के अलावा बौद्धिज्म, जैनिज्म, इस्लाम सहित दुनिया के सभी धर्मों के बारे में सभी भाषाओं में लिखी पुस्तकें मिलेंगी। मीडिया के लिए LED से सुसज्जित नया प्रेस कांफ्रेंस रूम भी बनाया गया है। पहले टावर “साधना” में संघ के प्रकाशन “भारत प्रकाशन और सुरुचि प्रकाशन के कार्यालय रहेंगे. इसके साथ ही प्रचार प्रसार विभाग भी इसमें रहेगा। पांचजन्य और आर्गेनाइजर के कार्यालय भी इस टावर में रहेंगे।
स्वंयसेवकों के लिए खास इंतजाम
दूसरे टावर “प्रेरणा” में सरसंघचालक, सरकार्यवाह सहित अखिल भारतीय पदाधिकारियों के रुकने की व्यवस्था रहेगी और छोटी छोटी मीटिंग के लिए छोटे रूम या हॉल की व्यवस्था की गई है। इन दोनों टॉवरों के बाद बीच में संघ स्थान बनाया गया है। यहां पर संघ शाखा और स्वयंसेवक एकत्रीकरण हुआ करेगा। इसके बाद तीसरे टॉवर “अर्चना” में कर्मचारियों, प्रवासी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के रूकने की व्यवस्था रहेगी। इस संघ कार्यालय में एक बड़ा भोजनालय भी बनाया गया है जिसमें एक साथ 80 लोग भोजन कर सकते हैं। मेडिकल सुविधाओं के मद्देनजर संघ कार्यालय में भूतल पर ही एक छोटी डिस्पेंसरी बनाई गई है और इसकी खास बात ये है कि ये आम जनता के लिए भी ओपन रहेगा। इसके साथ ही 5 बेड का छोटा इंटरनल हॉस्पिटल भी बनाया गया है।🔰
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